मेरी ज़िन्दगी . . .(Part II)





दिन निकलना था..मेरा भी निकला... 
और में भी चल पड़ा.. मेरी ज़िन्दगी में ...
अनजानों का फिकर नहीं करेगी ये उम्र...
बस हर लम्हा जी भर के जीना चाहती है ...

राह में मिलने वालों को प्यार बाटना चाहता ये पगला दिल ...
और बस वही करेगा  ये बेचारा मन जो इसको पसंद है ..
ऐसे चल रहा हूँ में भी...इस दुनिया में ... 
अपने हिसाब का ग़म और दर्द लेके..    --31/03/:)  

Comments

Popular posts from this blog

BRC,MI move up the table.

IPL II-Day 2(19/04/09)--a 5 over [cricket ?] match...

IPL Day 10--Deccan getting away from the rest even as Mumbai chase...